Tuesday, 30 March 2021

Yogic Posture of the day by Yog Patrika.

If you want to Share Photographs of your Best Yogic Posture , then Please send to Yog Patrika [ http://yogpatrika.blogspot.com/ ]. 

Best Selected Entries will be published as Yogic Posture of the day in Yog Patrika. 

For sending, Please Click on the link [ https://forms.gle/152RGxiKDigY8DCg7
], a page will open there you can post your Photograph with detail. 

with regard


Yog Patrika

एक दिवसीय निःशुल्क ऑनलाइन ग्रीष्मकालीन योग कार्यशाला, 2 अप्रैल 2021 को



एक दिवसीय निःशुल्क ऑनलाइन ग्रीष्मकालीन योग कार्यशाला 2021 का आयोजन ज़ूम एप पर दिनांक 2 अप्रैल 2021, शुक्रवार को किया जा रहा है।
उक्त कार्यक्रम के शुभारंभ कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि सुरेशचंद्र पांडे ( सहायक निदेशक खेल उत्तराखंड सरकार )
वेदप्रकाश शर्मा ( IPS ), अध्यक्ष मप्र योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन
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एवं वक्ता के रूप में
डॉ ज्योति जोशी, जर्मनी
डॉ अजय वक्तरिया, मप्र
शिवम मिश्रा, दिल्ली
उपस्थित होंगे।।।
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ज़ूम लिंक - 9173230403
समय दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक
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अधिक जानकरी हेतु 8770880306 पर व्हाट्सएप या कॉल कर सकते है।

Sunday, 28 March 2021

ईश्वर किसी के साथ पक्षपात नही करता : मनोज सोनी ( गायत्री परिवार )


        सुविचार - 

"दूसरों को सुखी देखकर हम परमात्मा के न्याय पर अंगुली उठाने लगते हैं । पर यह नहीं देखते कि जिस परिश्रम से इन सुखी लोगों ने अपने काम पूरे किए हैं, क्या वह हमारे अन्दर है ? ईश्वर किसी के साथ पक्षपात नही करता । उसने वह आत्मशक्ति सबको मुक्त हाथों से प्रदान की है जिसके आधार पर उन्नति की जा सके ।"
       "विचार क्रांति अभियान"
              मनोज सोनी 
                गायत्री परिवार

Saturday, 27 March 2021

प्रथम ऑनलाइन राष्ट्रीय स्तरीय योगासन प्रतियोगिता का समापन




रांची, झारखण्ड | मार्च | 27, 2021 :: राष्ट्रीय स्तरीय ऑनलाइन योगा प्रतियोगिता का समापन दिनांक 27.3 2021 को हुआ । भारत सरकार के खेल मंत्रालय तथा आयुष मंत्रालय से मान्यता प्राप्त नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन के मार्गदर्शन तथा योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन की ओर से प्रथम ऑनलाइन राष्ट्रीय स्तरीय योगासन प्रतियोगिता का शुभारंभ 23.3.2021 को हुआ था।
आज  फाइनल प्रतियोगिता का संपन्न हुआ, कल हुए , सेमी फाइनल प्रतियोगिता से प्रथम 10 प्रतिभागियों को फाइनल के लिए चयनित किया गया था। 
आज दिनांक  27.3.2021 को फाइनल प्रतियोगिता हुई।आज के फाइनल प्रतियोगिता, मे प्रथम  5 प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
पुरस्कृत प्रतिभागियों का नाम ऑनलाइन वेबसाइट तथा व्हाट्सएप ग्रुप में प्रकाशित कर दिया गया है।
आगामी खेलो इंडिया खेलो प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागियों को भाग लेने का अवसर मिलेगा। 
इस प्रतियोगिता में महाराष्ट्र को 24 अंकों के साथ प्रथम पुरस्कार मिला  दूसरे स्थान पर तमिलनाडु 8 अंकों के साथ रहे। तीसरे स्थान पर कर्नाटक रही। इस पूरे प्रतियोगिता में झारखंड से श्रीमान नंदू दुलाल दत्ता ने चीफ जज के रूप में अपनी भूमिका निभाई और संतोषी ने रैफरी के रूप में अपनी भूमिका निभाई।
इसकी जानकारी राष्ट्रीय चीफ जज "नंदू दुलाल दत्ता"ने दी। इस प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में  श्री स्वामी जी महाराज बाबा रामदेव, एचआर नरेंद्र गुरुजी, संदीप प्रधान जी, एवं जयदीप आर्य जी, इत्यादि लोग  मौजूद थे।

Friday, 26 March 2021

प्रथम ऑनलाइन राष्ट्रीय स्तरीय योगासन प्रतियोगिता : सेमी फाइनल संपन्न : फाइनल 27 मार्च को





रांची, झारखण्ड | मार्च | 26, 2021 :: राष्ट्रीय स्तरीय ऑनलाइन योगा प्रतियोगिता का शुभारंभ दिनांक 23.3 2021 को हुआ । भारत सरकार के खेल मंत्रालय तथा आयुष मंत्रालय से मान्यता प्राप्त नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन के मार्गदर्शन तथा योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन की ओर से प्रथम ऑनलाइन राष्ट्रीय स्तरीय योगासन प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ, जिसमें आज आयामी सेमी फाइनल प्रतियोगिता का संपन्न हुआ, कल हुए क्वार्टर फाइनल प्रतियोगिता से प्रथम 20 प्रतिभागियों को सेमीफाइनल के लिए चयनित किया गया था। कल दिनांक  27.3.2021 को फाइनल प्रतियोगिता होगी। आज के सेमीफाइनल प्रतियोगिता से प्रथम 10 प्रतिभागियों को फाइनल के लिए चयनित किया जाएगा ।चयनित प्रतिभागियों का नाम ऑनलाइन वेबसाइट तथा व्हाट्सएप ग्रुप में प्रकाशित किया जाएगा आयामी खेलो इंडिया खेलो प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागियों को भाग लेने का अवसर मिलेगा।इसकी जानकारी राष्ट्रीय चीफ जज "नंदू दुलाल दत्ता"ने दी साथ ही साथ उन्होंने सारे प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी।

Thursday, 25 March 2021

प्रथम ऑनलाइन राष्ट्रीय स्तरीय योगासन प्रतियोगिता का क्वार्टर फाइनल संपन्न : सेमीफाइनल 26 मार्च को




रांची, झारखण्ड | मार्च | 25, 2021 ::  राष्ट्रीय स्तरीय ऑनलाइन योगा प्रतियोगिता का शुभारंभ दिनांक 23.3 2021 को हुआ । भारत सरकार के खेल मंत्रालय तथा आयुष मंत्रालय से मान्यता प्राप्त नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन के मार्गदर्शन तथा योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन की ओर से प्रथम ऑनलाइन राष्ट्रीय स्तरीय योगासन प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ, जिसमें आज आयामी क्वार्टर फाइनल प्रतियोगिता का संपन्न हुआ, जिसमें 29 राज्य के प्रतिभागियों ने भाग लिया इस प्रतियोगिता में पूरे देश भर से बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। 
कल दिनांक 26.3.2021 को सेमीफाइनल तथा दिनांक 27.3.2021 को फाइनल प्रतियोगिता होगी। 
चयनित प्रतिभागियों का नाम ऑनलाइन वेबसाइट तथा व्हाट्सएप ग्रुप में प्रकाशित किया जाएगा 
आगामी खेलो इंडिया खेलो प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागियों को भाग लेने का अवसर मिलेगा।
इसकी जानकारी राष्ट्रीय चीफ जज "नंदू दुलाल दत्ता"ने दी साथ ही साथ उन्होंने सारे प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी।

"योग का रंग होली के संग", ऑनलाइन कवि सम्मेलन 26 मार्च को


रांची, झारखण्ड | मार्च | 25, 2021 :: अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ द्वारा आयोजित "योग का रंग होली के संग", ऑनलाइन कवि सम्मेलन 26 मार्च शाम 5:00 बजे होगा.

इस कार्यक्रम के द्वारा देश के प्रसिद्ध कवियों व कवियत्रियों के काव्य पाठ होगा

Wednesday, 24 March 2021

नेशनल ऑनलाइन योगासन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का शुभारंभ



रांची, झारखण्ड | मार्च | 24, 2021 :: स्पोर्ट्स स्टेशन नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन
द्वारा नेशनल ऑनलाइन योगासन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का शुभारंभ हुआ.
प्रतियोगिता 27 मार्च तक चलेगी
आज सभी इस ग्रुप के प्रतियोगियों का क्वार्टर फाइनल राउंड हुआ, बाकि बचे प्रतिभागियों का क्वार्टर फाइनल राउंड कल सुबह 7:00 बजे से होगा।
इस प्रतियोगिता में झारखंड के नंद दुलाल दत्ता, चीफ जज एवं संतोषी कुमारी, रेफरी के तौर पर शामिल हुई।

Tuesday, 23 March 2021

Free Demo classes of Yoga and Zumba by Soul Sante Studio on 3rd & 4th of April 2021.



Ranchi, Jharkhand  | March  | 23, 2021 :: Soul Sante Studio will conduct Free Demo classes of Yoga and Zumba on 3rd & 4th of April 2021. 

Demonstration classes will include Yoga and Zumba classes, for beginners, advance level, moms to be for wellness healing and more. 

Timing : 
Yoga : 11am to 12pm
Zumba : 12.30 pm to 1.30pm 

Venue : 3rd Floor, metro market, Near Gopal Complex, Upper Bazar, Ranchi. 

To register please contact
9334210160
7004178736






Sunday, 21 March 2021

योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया का 104वां स्थापना दिवस 22 मार्च को : पूर्ण ध्यान का दर्शन और जीवन का ज्ञान मिलता है यहां

रांची, झारखण्ड | मार्च | 21, 2021 ::  योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया (वाईएसएस) का 104 वां स्थापना दिवस 22 मार्च को है। इसी दिन परमहंस योगानन्द (1893 — 1952)  ने 1917 में भारत में कई सहस्राब्दियों पूर्व अद्भुत हुए पवित्र आध्यात्मिक विज्ञान, क्रियायोग की सार्वभौमिक शिक्षा को उपलब्ध कराने के लिए योगदा सत्संग सोसाइटी की स्थापना की थी। इन धर्म-निरपेक्ष शिक्षाओं में, सर्वांगीण सफलता और समृद्धि के साथ-साथ, जीवन के अंतिम लक्ष्य – आत्मा का परमात्मा से मिलन – के लिए ध्यान की विधियों का एक पूर्ण दर्शन और जीवन शैली का ज्ञान सम्मिलित है। परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाएं “योगदा सत्संग पाठमाला”  के माध्यम से उपलब्ध हैं, जैसा कि उन के जीवन काल में भी होता था। दुनिया भर में असंख्य लोगों द्वारा पढ़ी गई, स्वाध्याय के लिए बनी, इस विस्तृत पाठ श्रृंखला में क्रिया योग विज्ञान की सभी ध्यान प्रविधियों तथा परमहंस योगानन्द द्वारा सिखाए गए संतुलित आध्यात्मिक जीवन के कई अन्य पहलुओं पर भी जानकारी दी गई है। परमहंस योगानन्दजी को आधुनिक काल की श्रेष्ठ आध्यात्मिक विभूतियों में से एक माना जाता है। परमहंस जी ने बंगाल स्थित दिहिका नामक स्थान पर बालकों के लिए योग विद्यालय की स्थापाना करते हुए अपने विश्वव्यापी मिशन का शुभारंभ किया। यही वह ऐतिहासिक पल था जब योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया का जन्म हुआ। 

सर्वाधिक बिकने वाली आध्यात्मिक पुस्तक- “योगी कथामृत (ऑटोबायोग्राफ़ी ऑफ ए योगी)” के लेखक इस प्रिय जगद्गुरु ने लाखों पाठकों को दुर्लभ ज्ञान से परिचित कराया है। सन 1946 में प्रकाशित इस विलक्षण पुस्तक के प्रकाशन के 75 वर्ष हो गए। “योगी कथामृत” का देश-विदेश की 50 से अधिक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। यहां तक कि उर्दू और संस्कृत में भी। आज परमहंस योगानन्द  पूरे संसार में “पश्चिम में योग के जनक” के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने 1917 में वाईएसएस की स्थापना के बाद सन 1920 में अमेरिका के बॉस्टन शहर में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ रिलीजियस लिबरल्स में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे। योगानन्दजी ने वहां सेल्फ-रियलाइज़ेशन फ़ेलोशिप (एसआरएफ) की स्थापना की, जो आज भी श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि के नेतृत्व में दुनिया-भर में उनकी आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ा रही है। श्री श्री मृणालिनी माता के बाद, अब स्वामी चिदानन्दजी इन दोनों संस्थाओं के अध्यक्ष (पांचवें)हैं। 

परमहंस योगानन्दजी ने अपनी शिक्षाओं के प्रचार और उनकी शुद्धता एवं संपूर्णता को आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने के उद्देश्य से योगदा सत्संग सोसाइटी (वाईएसएस)/ सेल्फ़-रियलाइजे़शन फे़लोशिप (एसआरएफ़) की स्थापना की। वाईएसएस/एसआरएफ़ प्रकाशन परिषद के सदस्य इन निर्देशों का पवित्र आस्था के रूप में सम्मान करते हैं, जिससे कि इन जगद्गुरु का विश्वजनीन संदेश अपनी मूल शक्ति और प्रमाणिकता में बना रहे। इन संस्थाओं का नाम और उनका प्रतीक चिह्न परमहंस योगानन्दजी ने अपने विश्वव्यापी आध्यात्मिक और लोकोपकारी कार्य को चलाने के लिये स्थापित संस्था की पहचान के लिए बनाए थे।

परमहंस योगानन्दजी ने अपनी कक्षाओं एवं प्रवचनों में ध्यान एवं संतुलित आध्यात्मिक जीवन की कला पर जो शिक्षा दी थी, उसे उन्हीं के मार्गदर्शन के अनुसार योगदा सत्संग पाठमाला के रूप में संकलित किया गया था । योगदा साधक इन मुद्रित पाठों का अध्ययन घर बैठे कर सकते हैं । प्रारम्भ के कुछ पाठों के अध्ययन तथा उनमें सिखाई गईं मूलभूत ध्यान प्रविधियों के अभ्यास में कुछ समय लगाकर वे स्वयं को क्रियायोग अभ्यास के लिए शारीरिक, मानसिक, तथा आध्यात्मिक रूप से तैयार करते हैं । इस प्रारम्भिक अवधि में वे योगदा सत्संग साधना-पद्धति की तीन मुख्य प्रविधियां सीखते हैं: शक्ति संचार व्यायाम, एकाग्रता की प्रविधि और ओम प्रविधि। 

भारतीय उपमहाद्वीप में वाईएसएस की कई गतिविधियां और सेवाएं संक्षेप में निम्नलिखित हैं:
•         परमहंस योगानन्दजी और उनके संन्यासी शिष्यों के लेखन, व्याख्यान और रिकार्डिंग को प्रकाशित करना।
•         दुनिया भर में स्थित 600 से अधिक आश्रम, रिट्रीट और ध्यान केंद्रों का संचालन करना जहाँ सभी वर्गों के लोग सत्संग और साहचर्य की भावना से एकत्र हो सकें
•          वाईएसएस आश्रमों में संन्यासी वर्ग का आध्यात्मिक प्रशिक्षण
•         परमहंस योगानन्दजी की क्रियायोग की शिक्षाओं का प्रचार करने के लिए विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम, सत्संग, और कक्षाएँ आयोजित करना
•         बच्चों के लिए ध्यान और आध्यात्मिक जीवन पर कार्यक्रम आयोजित करना
•         पत्र एवं टेलीफोन द्वारा तथा व्यक्तिगत रूप से आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करना
•         विभिन्न धर्मार्थ एवं कल्याणकारी गतिविधियों को आयोजित करना
•         शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक सहायता तथा विश्व शांति और सद्भाव को बढ़ाने के लिए विश्वव्यापी प्रार्थना मण्डल, का संचालन करना जो ऐसे समूहों और व्यक्तियों का एक संघ है जो ऐसी प्रार्थनाएँ करने के लिए समर्पित हैं। 

परमहंस योगानन्द ने गीता की व्याख्या- “गॉड टाक्स विथ अर्जुन (ईश्वर- अर्जुन संवाद)”, “सेकंड कमिंग ऑफ क्राइस्ट”, उमर खय्याम की रुबाइयों की व्याख्या की पुस्तक- “वाइन ऑफ द मिस्टिक” तो लिखी ही है, उनकी प्रवचन श्रृंखलाओं को भी कई पुस्तकों में समाहित किया गया है। उनमें से कुछ पुस्तकें हैं- “मैंस इटर्नल क्वेस्ट” (हिंदी में पुस्तक- मानव की निरंतर खोज), “डिवाइन रोमांस” और “जर्नी टू सेल्फ रियलाइजेशन” “साइंटिफिक हीलिंग एफर्मेशंस” (रोग निवारण के लिए प्रतिज्ञापन), “सांग्स ऑफ द सोल”, “कास्मिक चैंट्स”, “धर्म विज्ञान” आदि। इसके अलावा वाईएसएस ने परमहंस योगानन्द के गुरु स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि की लिखी विलक्षण पुस्तक- “होली साइंस” (हिंदी में पुस्तक- कैवल्य दर्शनम) प्रकाशित की है जिसमें वेद और बाइबिल की समानता को दर्शाया गया है। परमहंस जी की पुस्तकें का इलेक्ट्रानिक संस्करण भी आ चुका है, जो मुद्रित प्रतियों की तुलना में काफी कम दाम पर उपलब्ध किए गए हैं। अधिक जानकारी योगदा सत्संग सोसाइटी की वेबसाइट  www.yssofindia.org पर उपलब्ध है।

Saturday, 20 March 2021

Yogic practices are highly effective to take care of the students for their intelligence and total wellbeing : : Dr. Prativa Shree



Ranchi, Jharkhand  | March | 20, 2021 ::
School of yoga, Ranchi university  Organized
One day national  e_workshop  on “Management of examination stress among students though yoga” on
20th March 2021 , Saturday 

Workshop was inagurated by Prof (Dr) Kamini Kumar Hon’ble Vice-Chancellor, Ranchi University, Ranchi.


Welcome speech was given by Dr. Tulu Sarkar, Director, School of Yoga, Ranchi University, Ranchi.
Dr. Parinita Singh ( Faculty to School of yoga ) gave the introduction of the resource persons 


Resource person of First Technical Session was  Dr. S.K. Munda, Associate professor of Psychiatry, Incharge, center for addiction psychiatry CIP, Kanke, Ranchi 

Second Technical Session was taken by 
Dr. Prativa Shree, Asst professor n PhD coordinator, Department of Yogic Science, Sri Sri University, Odisha.

In her session , Dr. Prativa told that
Yogic practices are highly effective to take care of the students for their intelligence and total wellbeing. It provides tools for practicing compassion, mindfulness, generosity, focus, strength, and flexibility. In case of the students’ certain amount of anxiety helps the brain to function and they are able to memorize whatever they have studied. When the minimal level of stress is crossed, anxiety has negative implications on the students. The burden of Academics, ever increasing competition, parental expectations, peer pressure, exam phobia and anxiety, worrying over campus placement and relationship problems. Swami Sivananda states that “steady and systematic practice of yoga will “make the mind very obedient and faithful” and make the practitioner “successful in every attempt”. Regular practice of Yoga, including Ᾱsana, Prāṇāyāma and Meditation has positive improvements in discipline, team work, behavior and sharing habit of the students. The yogic practices are of accessing and integrating all aspects of our true nature of body, mind, and spirit for inner harmony. Students imbibe the values of self-discipline, oneness with nature, introspection peaceful co-existence and Self-confidence.  Ᾱsanas are the physical postures, which develop the flexibility by stretching, strengthening and massaging the muscles, ligaments, tendons and joints of the body. Prāṇāyāma is expansion of vital energy by regulation of the breath. It improves the brain power & helps to attain optimum health & longevity. Yoga nidrā is a state where the mind is exceptionally receptive and the learning is very easy. Meditation accelerates the performance of the brain and navigates you through innumerable possibilities in which a teeny-tiny idea can be executed. The yogic knowledge helps to improve physical as well as the mental health. One can recognize the strength as well as weakness in his personality. Gradually, with the regular practice there will be śodhanaṁ (purification), dṛḍhatā (firmness), sthairyaṁ (steadiness), dhairyaṁ (patience), pratyakṣaṁ (realization) & nirliptaṁ (non-involvement). A new dimension of meaning in the life can be gained. Yoga develops the health and wellness of the children to attain perfection life.    


Dr. Anand Kumar Thakur, Coordinator, School of Yoga, Ranchi University, Ranchi and many others including the students were present on this occasion 







Friday, 19 March 2021

Om : An ancient Mantra


Om is an ancient mantra often used in the practices of Hinduism and Buddhism, among other faiths.

 It is sometimes chanted three times at the start and at the finish of a yoga session. 

The sound of om is actually three syllables: a, u, and m. 

Shankar Yoga & Meditation