Monday, 21 June 2021

श्वसन योग क्रिया : योगिक श्वसन से हो सकती है आयु दुगनी : हरेन्द्र कुमार प्रजापति

राची, झारखण्ड  | झारखण्ड  | जून  | 21, 2021 ::  गर्भ से बाहर आते ही शिशु स्वतंत्र जीव होता है । जीवन रक्षा के लिए उसे पहली बार श्वास लेनी पड़ती है ।
पहली श्वसन क्रिया में उसे जो कष्ट और पीड़ा होती है, उसकी अभिव्यक्ति शिशु के प्रथम रुदन में सुनी जाती हैं।
सांस लेने और छोड़ने का यह अनवरत क्रम मृत्यु पर्यंत चलता रहता है ।
सांस का चलना ही जीवन की पहचान है । सांस का रुक जाना  मृत्यु है । 

वायुमंडल में अनेक प्रकार के गैस, धुआं, पानी की वाष्प आदि  सूक्ष्म कण पाए जाते हैं।
इनमें से 15 - 20% ऑक्सीजन गैस होती है, यही प्राणवायु रक्त में मिलकर पूरे शरीर में दौड़ जाती है।
रक्त हमारे प्रत्येक भाग तक पहुंचकर पोषक तत्व तथा उर्जा पहुंचाता है ।
श्वास नलिका वाला मार्ग दो श्वास नलिकाओं में विभाजित होकर सूक्ष्म  नलिकाओं द्वारा दोनों फेफड़ों में वायु पहुंचाता है ।
दोनों फेफड़ों में लगभग 65 करोड प्रकोष्ठ होते हैं ।
यदि इन सब को भरा जाए तो साढे छ  
लीटर आयतन की वायु इसमें समा सकती हैं।
उसके वायु में ऑक्सीजन का विच्छेदन तथा और अवशोषण किया जाता।
वायुमंडल में ऑक्सीजन की पूर्ति करते रहने की व्यवस्था प्रकृति में वृक्षों तथा सूर्य को सौंपी है ।
सूर्य की रोशनी तथा ताप पाकर वृक्षों के पत्ते कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं तथा ऑक्सीजन को छोड़ते हैं। 

पीपल, नीम, तुलसी और बङ के पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ते हैं ।
अतः श्वास रोगियों को इन वृक्षों के नीचे प्रतिदिन आधा घंटा बैठकर गहरी श्वास भरनी चाहिए ।
इस प्रकार किसी व्यक्ति द्वारा सांस लेने और छोड़ने की जो क्रिया होती है वह श्वसन क्रिया कहलाती है।
यदि मनुष्य को सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया मे गड़बड़ी होती है तो उसे कई तरह की बीमारियां जकड़ लेती है । शरीर की श्वास क्रियाओं को निरंतर चलाने के लिए प्राणायम करने की आवश्यकता होती है ।
यदि व्यक्ति प्रतिदिन 10 मिनट निरंतर प्राणायम करें तो श्वास संबंधी कोई भी समस्या उस व्यक्ति को नहीं आ सकती है।
प्रतिदिन व्यक्ति को अपने शरीर के श्वसन प्रक्रिया को निरंतर चलाने के लिए ताड़ासन, विरासन, त्रिकोण आसन, वज्रासन, सूर्य नमस्कार, गोमुखासन, पवनमुक्तासन तथा प्राणायम में कपालभाति,  भस्त्रिका, नाड़ी शोधन, सूर्यभेदी, चंद्रभेदी आदि करके श्वसन  क्रिया को सुचारु रुप से स्वस्थ और तंदुरुस्त रखा जा सकता है ।
प्राणायम करते समय श्वास नली, फेफड़ो और पेट में जो हलचल होती है, उससे शरीर के भीतर और बाहर कंपन -  अकंपन उत्पन्न होती है ।
इन कम्पन का शरीर के भीतर भागों पर आश्चर्यजनक प्रभाव आसानी से अनुभव किया जा सकता है।
इस प्रभाव व अनुभव को संवेदना भी कहा जा सकता है। 

सही श्वसन क्रिया में एक बार में 24 सेकंड लगते हैं ।
इस प्रकार 1 मिनट में कुल ढाई बार ही श्वसन क्रिया हो सकेगा ।
हम एक मिनट में 16 से 18 बार श्वास लेकर छोड़ देते हैं,  इस जल्दी बाजी के कारण ना तो शरीर की आवश्यकताओं की समुचित पूर्ती हो पाती है और ना ही शरीर ठीक से शुद्ध हो पाता है । 

योगिक विधि से श्वास लेने वाला व्यक्ति, सामान्य श्वास लेने वालों द्वारा 1 घंटे में लिए जाने वाली ऑक्सीजन के बराबरी, सिर्फ 1 मिनट में ही कर लेता है ।
इस तरह 24 या 25 योगिक श्वसन भरकर सामान्य व्यक्ति से दो गुना लाभ सहज ही उठाया जा सकता है। 

यदि हम श्वास की समस्या है तो हमें यह पता करना चाहिए की श्वास  की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कौन सा प्राणायाम करने की आवश्यकता है 
जब हम उदर प्राणायम करते हैं तब हो गहरी श्वास लेते हैं और श्वास  पेट के अंदर तक ले जाते हैं ।
तब फेफड़े में अधिक मात्रा में वायु  चली जाती हैं, जिससे हमारी तो श्वास लेने की क्रिया ठीक हो जाती है।
मनुष्य को अपना जीवन लंबे समय तक जीने के लिए श्वसन क्रिया की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है।
  मनुष्य के श्वसन क्रिया की जो गति होती है, उसी गति से मनुष्य की आयु निर्धारित होती है ।
श्वसन  क्रिया का हमारे शरीर के अंदर एक केंद्र होता है जो फेफड़ों में श्वसन क्रिया के माध्यम से एक बार में तकरीबन 3 से 4 लीटर वायु  हमारे फेफड़ों  मे जाती है


हरेन्द्र कुमार प्रजापति 
इंस्ट्रक्टर डिवाइन योगा  एकेडमी
Enail : hari.prajapati@gmail.com






Sunday, 20 June 2021

डॉ परिणिता सिंह एवं डॉ अर्चना कुमारी द्वारा योगाभ्यास पर लिखित पुस्तक "अभ्यासम" का कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किया विमोचन


रांची, झारखण्ड  | जून | 20, 2021 :: सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या 20 जून 2021 को योगाभ्यास पर आधारित योग की एक पुस्तक "अभ्यासम" ( प्रारंभिक योग अभ्यासक्रम ) का विमोचन माननीय मंत्री बादल पत्रलेख ( कृषि एवं सहकारिता विभाग झारखंड सरकार ) ने किया।
इस अवसर पर डॉ राजेश गुप्ता, आलोक कुमार दुबे, किशोर सहदेव भी उपस्थित थे। 

पुस्तक की लेखिका डॉ परिणिता सिंह एवं डॉक्टर अर्चना कुमारी है। 

  पुस्तक की लेखिका डॉ परिणिता सिंह ने बताया कि यह पुस्तक प्रत्येक आयु वर्ग  के प्रारंभिक योग के अभ्यर्थियों के लिए बहुत उपयोगी है, इसमें क्रमबद्ध रूप से रूप में संहजता के साथ योग अभ्यास करने की विधि बताई गई है। 

डॉ अर्चना कुमारी ने कहा आज समाज की जैसी स्थिति है उसमें अपने आप को संतुलित बनाए रखने हेतु तथा शारीरिक व मानसिक रूप से अपने आप को सुदृढ़ बनाने हेतु यह पुस्तक काफी हद तक कारगर सिद्ध हो सकती हैं।



Thursday, 17 June 2021

बच्चों ने किया प्रज्ञा योग और सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन

जमशेदपुर, झारखण्ड  | जून  | 17, 2021 ::  अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ और S creativity के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय योग शिविर किया जा रहा है जिसमें प्रथम दिन बच्चों द्वारा प्रज्ञा योग और सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन किया गया। S creativity के संस्थापक शर्मिष्ठा राय ने बताया की इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों में योग के प्रति रूझान लाना और चल रही महामारी से बच्चों को योग के माध्यम से बचाने का अभियान हैं।

Wednesday, 16 June 2021

International Yoga Conference by Sarala Birla University on 25th of June 2021.

Ranchi, Jharkhand | June | 16, 2021 :: 
Sarala Birla University, Ranchi will organize International Yoga Conference on 25th of June 2021. 

Topic of the conference will be Yoga for Physical, Mental and Emotional health. 

Chief guest of the conference will be Swami Vidyanand ( Founder and President of Yoga Allience International ) 

Guest of Honour will be Dr Ishwar V Basavaraddi ( Director  Morarji Desai National Institute of Yoga. 

Conference will be online in google meet platform. 

For Online Registration click on the link below 


Tuesday, 15 June 2021

योगासना स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ झारखंड के सात दिवस निशुल्क आॅनलाइन योग शिविर : योगा प्रोटोकोल के अनुसार हुआ कार्यक्रम का आयोजन

रांची, झारखण्ड  | जून | 15, 2021 :: नेशनल योगासना स्पोर्ट्स फेडरेशन व युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त  योगासना स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ झारखंड के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में सात दिवसीय युवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें अभी तक 1200 लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ है , यह संस्था खेल के रूप में मान्यता प्राप्त है ओर यह खेल के साथ साथ जनहित में घर-घर तक योग को पहुंचाने का कार्य कर रही है l 

प्रथम दिवस योग कार्यक्रम का शुभारंभ संघ के अध्यक्ष संजय सिंह के द्वारा किया गया।
श्री सिंह जी ने कहा कि हम सभी संकल्प लें और अपने जीवन में योग को प्रतिदिन अपने क्रियाकलाप में शामिल करें जिससे हम अपने रोग प्रतिरोध क्षमता का विकास कर सकें । 

प्रतिदिन योग रहे निरोग
इस  स्लोगन के माध्यम से योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। 

       योग दिवस के लिए भारत सरकार ओर आयुष मंत्रालय के आदेशानुसार अवगत योगा प्रोटोकोल को विधिवत प्रथम दिवसीय योगासना स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ झारखंड के द्वारा योग की कक्षा वर्चुअल जूम ओर फेसबुक के माध्यम से लाइव किया गया एवं सभी प्रतिभागियों को निशुल्क प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा । 
इस कार्यक्रम की शुभारंभ संघ के अध्यक्ष संजय सिंह के द्वारा किया गया, महासचिव विपिन कुमार पांडे, कोषाध्यक्ष मनोज तिवारी, कार्यक्रम संचालक संतोषी साहू, योग शिक्षक विकास कुमार गोपे, जगदीश जी एवं मीडिया एवं जूम टेक्निकल देव कुमार सेन, झारखंड के सभी सदस्य, योग शिक्षक प्रतिभागी इत्यादि के द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाने में इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया। 
प्रथम दिवसीय कार्यक्रम का समापन संघ के महासचिव विपिन कुमार पांडे के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर किया गया।



















Wednesday, 9 June 2021

Divine Yoga Academy Online Yogasana Competition 2021 Starts



Ranchi, Jharkhand  | June | 10, 2021 :: Divine Yoga  Academy has organised online Yogasana Competition-2021 on the occassion of 7th International Yoga-Day. The competition will start on 10th of june 2021. 

The competition will be only for the participants residing in Ranchi. 

The competition will be in two rounds. 

Round one will be of Photo round where as Round two will be live online. 

* Rules: 

*  The competition  is  open  to  all  individuals  as  well  as  any  institutions. 

* Round – 01 

1.  All Participants have  to send Three ( 3 )  photographs of  yoga postures asana  according  to  their  age  groups through the provided link. 

2.  Photographs of Yoga  asanas  should be attractive and clear. 

3.  The photograph  must  be  attached to this form. 

4.  The decision  of  the  judges  will  be  final  and  binding. 

5. First five ( 5 ) selected participants will be eligible for the Second round. 

* Round : 2 

1. All the selected participants of first round have to perform on live online platform. 

2. Separate Yogasana Competitions for male and female competitors will be held in the following four age groups. 

3. The competitor will perform all the 3 ( three ) asanas as per syllabus of their respective age groups (mentioned below) and will maintain in each asana for 10 ( Ten ) Seconds during the competition. 

4. The Competitor will perform their asanas from their respective home place by maintaining the Covid 19 guidelines. 

5. 1st,  2nd and 3rd  place  holders  will  be  given  attractive prize 

6. All the participants will be given e-certificate for participation. 

* Dress Code of Participants:- 

Male Competitor: The male competitors will wear skin tight Sports Shirt and Short. 

Female Competitor: The female competitors will wear skin tight Sports Shirt and Shorts/Gymnastics Costume,  however the Competitors in the age groups of 25-35, 35-45 and above 45 years may wear tight track bottom and tight Sport Shirt . 

* Entry Fee : There will be no Entry fee for the competition. 

*Groups:*
Group A – Age 18 to 25 ( Men & Woman )
Group B – Age 26 to 35 ( Men & Woman )
Group C – Age 36 to 45 ( Men & Woman )
Group D — Age above 45 ( Men & Woman ) 

* Schedule 

* Launching Date : 10th of June 2021 

* Last date to send entries of first round : 15th of June 2021. 

* Second Round : 17th of June 2021. 

* Announcement of Result: 18th of August  2021 

There may be change in schedule due to unavoidable conditions. 

* Syllabus 

Group A – Age 18-25 (Men & Woman)
* Natarajasana ( Side posture )
* Ek Pada Setu Sarvangasana ( Side posture )
* Padam Sirshasana ( Front Posture ) 

Group B – Age 26 to 35 ( Men & Woman )
* Virbhadrasana ( Side posture )
* Hanumanasana ( Side posture )
* Eka Pada Chakrasana ( Side posture ) 

Group C — Age 36 to 45, ( Men & Woman )
* Paschimottasana  ( Side posture )
* Baddha Padmasana ( Front Posture )
* Dhanurasana ( Front Posture ) 

Group D — Age Above 45 ( Men & Woman ) 

* Vrikshasana  ( Front Posture )
* Ustrasana ( Side posture )
* Halasana ( Side posture ) 

* Registration Link 


For more detail please contact at dyaranchi@gmail.com

Shankar Yoga & Meditation